गोवर्धन पूजा परिक्रमा से नष्ट होते हैं पाप- गजानंद शास्त्री
गोवर्धन पूजा परिक्रमा से नष्ट होते हैं पाप- गजानंद शास्त्री सुल्तानपुर । आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क ।समरथपुर गांव में चल रही श्रीमद भागवत कथा के पंचम दिवस पर कथा व्यास पूज्य गजानंद जी महराज ने कहा कि गोवर्धन पूजन करने से परिक्रमा करने से नष्ट हो जाते हैं समस्त पाप व्रजमंडल में स्थित गोवर्धन की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि एक बार पुलस्त्य ऋषि भ्रमण करते हुए द्रोणाचल पर्वत पर पहुंच गए। वहां द्रोणाचल पर्वत के पुत्र गोवर्धन पर्वत को देखकर पुलस्त्य ऋषि के मन में आया कि गोवर्धन पर्वत को ले जाकर काशी में स्थापित किया जाय। द्रोणाचल पर्वत और पुत्र गोवर्धन ने विचार किया कि यदि पुलस्त्य ऋषि की आज्ञा का पालन नहीं करते हैं तो वो श्राप दे देंगे। गोवर्धन ने पुलस्त्य ऋषि के सामने शर्त रखी कि आप जहां भी मुझे स्थापित करोगे, मैं वहां से आगे नहीं बढूंगा। पुलस्त्य ऋषि ने शर्त को स्वीकार कर अपनी हथेली पर धारण किया,और आकाश मार्ग से काशी नगरी के लिए प्रस्थान किया। गोवर्धन ने जब व्रजमंडल को देखा तो उसे स्मरण आया कि यहां पर मेरे प्रभु श्री कृष्ण का जन्म होने वाला है, और मुझे श्री कृष्ण लीला में सम्मिलित हो