करवा चौथ व्रत 20 अक्टूबर रविवार को रहेंगी महिलायें
करवा चौथ व्रत 20 अक्टूबर रविवार को रहेंगी महिलायें
गोरखपुर। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क। श्री हनुमत ज्योतिष सेवा संघ के संस्थापक अध्यक्ष पं. बृजेश पाण्डेय ज्योतिषाचार्य के अनुसार करवा चौथ व्रत प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है. इस वर्ष यह व्रत 20 अक्टूबर दिन रविवार को मनाया जायेगा. इस दिन कार्तिक संकष्टी चतुर्थी होती है,जिसे वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं.
चन्द्रोदय रात्रि मे 7 बजकर 40 मिनट पर होगा तभी व्रती महिलायें अर्घ्य देंगी तथा व्रत का पारण चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद करेंगी.
करवा चौथ के दिन सुहागन महिलाएं और विवाह योग्य युवतियाँ अपने जीवनसाथी की लम्बी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस व्रत में चंद्रमा की पूजा करना और अर्घ्य देना आवश्यक होता है,इसके बिना करवा चौथ का व्रत सफल नहीं माना जाता है.
ज्योतिषाचार्य पं. बृजेश पाण्डेय ने यह भी बताया की चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथों पानी पीकर ही व्रती महिलाएं इस व्रत को खोलती हैं. करवा चौथ के दिन स्त्रियां शाम को चौथ माता,करवा माता और गणपति की पूजा करती है और चंद्रोदय के बाद चंद्रदेव को अर्घ्य देती है,इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं सूर्योदय से पूर्व उठकर सरगी खाकर व्रत प्रारम्भ करती हैं तत्पश्चात महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन शाम को स्त्रियां दुल्हन की तरह 16 श्रृंगार कर तैयार होती हैं और पूजा करती है तथा शाम को छलनी से चांद देखकर और पति की आरती उतारकर अपना व्रत खोलती हैं.
मान्यता है कि माता पार्वती ने शिव जी के लिए,द्रौपदी ने पांडवों के लिए करवा चौथ का व्रत किया था.करवा चौथ व्रत के प्रताप से स्त्रियों को अखण्ड सौभाग्यवती रहने का वरदान प्राप्त होता है जिससे करवा माता उनके सुहाग की सदैव रक्षा करती हैं और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है.
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