भागवद श्रवणार्थीओ का भगवान हमेशा करते हैं कल्याण: अनूप ठाकुर जी महाराज
भागवद श्रवणार्थीओ का भगवान हमेशा करते हैं कल्याण: अनूप ठाकुर जी महाराज
हरदोई।डीकेएस टीवी न्यूज़ नेटवर्क।
जिला हरदोई के सुहेड़ी ग्राम में असलापुर धाम से पधारें सुप्रसिद्ध कथावाचक अनूप ठाकुर जी महाराज ने द्वितीय दिवस में शुकदेव जन्म एवं परिक्षित श्राप की कथा सुनाते हुए कहा कि श्रीकृष्ण ने शुकदेव महाराज को धरती पर भेजा। भगवत कथा गायन करने को ताकि कलियुग के लोगों का कल्याण हो सके। रास्ते में कैलाश पर्वत पर उन्होंने चुपके से भगवान शिव द्वारा मां पार्वती को सुनायी जा रही अमर कथा सुन ली। जिससे शिव नाराज होकर उन्हे मारने दौड़े। शुक व्यास पत्नी आरणि के गर्भ में प्रवेश कर गया। शुकदेव जी अपनी माता के गर्भ में बारह वर्ष तक रहें। व्यास और श्रीहरि के वादे से शुकदेव भूतल पर आये, साथ ही राजा परिक्षित को श्राप लगने का प्रसंग सुनाते हुए अनूप ठाकुर महाराज ने कहा कि राजा परीक्षित की सातवें दिन मृत्यु सर्प के डसने से हो जाएंगी। जिस व्यक्ति को यह पता चल जाये की उसकी मृत्यु सातवें दिन हो जाएगी वो क्या करेगा क्या सोचेगा ? राजा परीक्षित ने यह जान कर उसी क्षण अपना महल छोड़ दिया। गंगा के तट पर पहुंचे वहां जितने भी संत महात्मा थे सब से पूछा की जिस की मृत्यु सातवें दिन है, उस जीव को क्या करना चाहिए। किसी ने कहा गंगा स्नान करो, किसी ने कहा गंगा के तट पर आ गए हो इससे अच्छा क्या होगा, सब अलग अलग उपाय बता रहे थे। तभी वहां भगवान शुकदेव जी महाराज पधारे। जब राजा परीक्षित भगवान शुकदेव जी महाराज के सामने पहुंचे तो उनको राजा ने शाष्टांग प्रणाम किया। शाष्टांग प्रणाम करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। शुकदेव जी महाराज जो सबसे बड़े वैरागी व चूड़ामणि हैं। उनसे राजा परीक्षित जी ने प्रश्न किया कि हे गुरुदेव जो व्यक्ति सातवें दिन मरने वाला हो उस व्यक्ति को क्या करना चाहिए? किसका स्मरण करना चाहिए और किसका परित्याग करना चाहिए? कृपा कर मुझे बताइये।
अब शुकदेव जी ने मुस्कुराते हुए परीक्षित से कहा की हे राजन ये प्रश्न केवल आपके कल्याण का ही नहीं अपितु संसार के कल्याण का प्रश्न है। तो राजन जिस व्यक्ति की मृत्यु सातवें दिन है उसको श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए तो उसका कल्याण निश्चित है। जो गोविंद दे दें वहीं स्वीकार कर लो। यही श्रेष्ठ है। श्रीमद भागवत में 18000 श्लोक, 12 स्कन्द और 335 अध्याय हैं अनूप महाराज ने कहा जो जीव सात दिन में सम्पूर्ण भागवत का श्रवण करेगा वो अवश्य ही मनोवांछित फल की प्राप्ति करता है। राजा परीक्षित ने शुकदेव जी से प्रार्थना की हे गुरुवर आप ही मुझे श्रीमद्भागवत का ज्ञान प्रदान करें और मेरे कल्याण का मार्ग प्रशस्थ करें भागवत सुनने वालों का भगवान हमेशा कल्याण करते हैं भगवान मानव को जन्म देने से पहले कहते हैं ऐसा कर्म करना जिससे दोबारा जन्म ना लेना पड़े भागवत ने कहा है जो भगवान को प्रिय हो वही करो, हमेशा भगवान से मिलने का उद्देश्य बना लो, जो प्रभु का मार्ग हो उसे अपना लो, इस संसार में जन्म-मरण से मुक्ति भगवान का नाम ही दिला सकता है राजा परिक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
आयोजक रंजीत सिंह फौजी, सर्वजीत सिंह, दीपू सिंह नटवर गोविंद समेत बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद रहें।
हरदोई से श्यामू राजपूत की रिपोर्ट।
फिर मिलेंगे अगली ख़ास खबरों के साथ तब तक के लिए नमस्कार।
Comments
Post a Comment