त्रिविधि ताप नाशिनी है श्रीमद्भागवत कथा अनूप महाराज
त्रिविधि ताप नाशिनी है श्रीमद्भागवत कथा अनूप महाराज
हरदोई। डीकेएस टीवी न्यूज़ नेटवर्क। जिला हरदोई के सुहेड़ी ग्राम में असलापुर धाम से पधारें सुप्रसिद्ध कथावाचक परमपूज्य अनूप ठाकुर महाराज द्वारा हुआ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ प्रथम दिवस की मध्याह्न काल बेला में भागवत कथा को सुनाते हुए कथा व्यास अनूप ठाकुर जी महाराज ने भागवत की महिमा सुनाते हुए कहा कि कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा को सुनने से तीनों तापों का नाश होता है तापत्राय विनाशाय दैविक दैहिक भौतिक तापों का दमन करने वाली हैं भागवत एक बार नारद जी ने चारों धाम की यात्रा की, लेकिन उनके मन को शांति नहीं हुई। नारद जी वृंदावन धाम की ओर जा रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि एक सुंदर युवती की गोद में दो बुजुर्ग लेटे हुए थे, जो अचेत थे। युवती बोली महाराज मेरा नाम भक्ति है। यह दोनो मेरे पुत्र है, जिनके नाम ज्ञान और वैराग्य है। यह वृंदावन में दर्शन करने जा रहे थे। लेकिन बृज में प्रवेश करते ही यह दोनों अचेत हो गए। बूढे़ हो गए। आप इन्हें जगा दीजिए। इसके बाद देवर्षि नारद जी ने चारों वेद, छहों शास्त्र और 18 पुराण व गीता पाठ भी सुना दिया। लेकिन वह नहीं जागे। नारद ने यह समस्या मुनियों के समक्ष रखी। ज्ञान -वैराग्य को जगाने का उपाय पूछा। मुनियों के बताने पर नारद जी ने हरिद्वार धाम में आनंद नामक तट पर भागवत कथा का आयोजन किया। मुनि कथा व्यास और नारद जी मुख्य परीक्षित बने। इससे ज्ञान और वैराग्य प्रथम दिवस की ही कथा सुनकर जाग गए। महाराज जी ने कहा कि भागवत कथा से धुंधकारी को मोक्ष प्राप्त हुआ ! कथा को सुनने के लिए प्रथम दिवस में ही आयोजक रंजीत सिंह फौजी, गोविंद सिंह, पुष्कर सिंह, नटवर सिंह समेत आदि श्रद्धालु मौजूद रहें।
रिपोर्ट: श्यामू राजपूत
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