संकट आने पर भगवान करते हैं भक्त की रक्षा: अनूप ठाकुर जी महाराज
संकट आने पर भगवान करते हैं भक्त की रक्षा: अनूप ठाकुर जी महाराज
हरदोई। डीकेएस टीवी न्यूज़ नेटवर्क। जिला हरदोई के ग्राम सुहेड़ी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में असलापुर धाम से पधारें सुप्रसिद्ध कथाव्यास अनूप ठाकुर जी महाराज ने ध्रुव, भरत, प्रह्लाद चरित्र, नृसिंह अवतार की कथा सुनाई भक्त ध्रुव की कथा सुनाते हुए कहा कि महाराज उत्तानपाद के दो पत्नियां सुनीति और सुरूचि थी दोनों की कथा सुनाते हुए कहा कि जिस मनुष्य का मन सुंदर रूचि में लग गया हो उसका मन सुनीति में नहीं लग सकता है। सुरूचि के कारण महाराज उत्तानपाद को ध्रुव जैसा पुत्र अपमानित होकर जंगल मे भगवान का तप करने चला जाता है। मनुष्यों को चाहिए सुरुचि में मन न लगाकर सुनीति में मन लगावें। ध्रुव के पिता का सौतेला व्यवहार, बाल मन में वैराग्य उत्पन्न होने व तपस्या के लिए वन चले जने का प्रसंग सुनाया, ध्रुव जी ने वर में भगवान से राजा के सिहासन से ऊंचा स्थान मांगा साथ ही अनूप महाराज ने प्रहलाद की कथा के वृतांत को सुनाते हुए कहा कि भक्त पर संकट आने पर भगवान भक्त की रक्षा करने के लिए दौड़े चले आते हैं। भक्त के प्रति भगवान का स्नेह अपार होता है और भक्त पर ईश्वर की कृपा सदैव बनी रहती है। जब भक्त प्रहलाद पिता हिरण्यकश्यप द्वारा प्रताड़ित किया गया तो आखिर में भक्त की रक्षा के लिए भगवान ने खंभे से नृसिंह भगवान का अवतार लिया और धरती पर हिरण्यकश्यप के बढ़ते पाप, अत्याचार को मिटाने के लिए हिरण्यकश्यप का वध किया। कथा सुनने के लिए आयोजक रंजीत सिंह फौजी, दीपू सिंह, नरेंद्र सिंह कोटेदार, कौशल सिंह चौहान, पुष्कर सिंह समेत बड़ी संख्या में श्रोता विराजमान रहें।
रिपोर्ट:श्यामू राजपूत
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