ये किसने कहा तुमसे, बस राम तुम्हारे हैं... गौरीगंज में आयोजित हुआ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन



 ये किसने कहा तुमसे, बस राम तुम्हारे हैं... 

गौरीगंज में आयोजित हुआ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन

गौरीगंज (अमेठी)।आर्य प्रयास न्यूज़ नेटवर्क। शहर में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के मंच पर शनिवार रात अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित हुआ कवि सम्मेलन में आए कवियों को सुनने के लिए श्रोता रात भर डटे रहे कवियों को श्रोताओं से जमकर प्यार दुलार मिला। इस मौके पर बड़ी संख्या में मीडिया कर्मियों व कॉलेज प्रबंधकों को जगदीश पीयूष स्मृति अमेठी रत्न सम्मान से नवाजा गया।


गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह को ओर अवधी के सूर्य स्वर्गीय जगदीश पीयूष पावन स्मृति में आयोजित कवि सम्मेलन का प्रारंभ पीलीभीत से आई कवियत्री एकता भारती ने मां शारदा की वन्दना से किया। दिल्ली के आफताब आलम ने भी सबसे पहले मां शारदा की वंदना की आफताब ने पढ़ा 'मां शारदे मुझे ज्ञान दे, मेरे देश को सम्मान दे, भारत बने प्रतिमान अब इसको नई पहचान दें।


आफताब ने राम पर प्रस्तुत अपनी रचना 'ये किसने कहा तुमसे बस राम तुम्हारे हैं, वो जितने तुम्हारे हैं, उतने ही हमारे हैं सुनाकर श्रोताओं को खूब


काव्य पाठ करने राजस्थान से आए कवि रामभदावार


वाहवाही लूटी। राजस्थान से आए कवि राम भदावर की कविताओं को भी श्रोताओं ने खूब सराहा। उन्होंने अपनी वीर रस की कविताओं से लोगों में जोश का संचार किया। उन्होंने पढ़ा इतिहासों में दबी हुई भूलों को जिंदा मत करना, चंदन जैसी मिटटी को किंचित शर्मिंदा मत करना जिसे लोगों से खूब पसंद किया


प्रयागराज से आए के विख्यात कवि अखिलेश द्विवेदी ने अपनी रचनाओं से लोगों को खूब गुदगुदाया। उनके चुटीले

राजनीतिक मुक्तकों पर लोगों ने खूब तालियां बजाई। उन्होंने जो थे पढ़े लिखे वे सब है संतरी बने, अपराधी माफिया है जो वह मंत्री बने पढ़कर राजनीति पर तंज किया। लखनऊ से आए कवि योगेश प्रवीन ने पढ़ा कि ने तिरंगा कफन बदन का, मन में यह अरमान लिखा था समर भूमि पर दुश्मन के हिस्से में श्मशान लिखा को था, पहुंचा द्वारे पर शहीद तो जन सैलाब उमड़ पड़ा, कफन हटाकर देखा तो छाती दिय पर हिंदुस्तान लिखा था। वीर रस से भरी उनकी कविताएं भी खूब सराही गई।

कवि सम्मेलन में प्रतापगढ़ से आई कवियत्री प्रीति पांडेय ने श्रंगार के मुक्तकों से ओतप्रोत कर दिया।

 सुल्तानपुर से आये कवि पुष्कर सुल्तानपुरी ने 

तुम्हारे  दिल में क्या है क्या नहीं हम जान लेते हैं।

मगर जो तुम बताते हो उसी को मान लेते हैं।।

मुझे बहकाओगे कब तक इसे मोती बता कर तुम,

यूं पानी में गिरे आंसू को हम पहचान लेते हैं।। सुनाया तो पूरा पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

इसके अलावा मकसूद जाफरी व कुलदीप पांडेय ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन टुंडला से आए कवि लठूरी लट्ठ ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार राकेश पांडेय ने किया। इस मौके पर धर्मेंद्र सिंह बबलू, अनूप पांडेय, अनुपम पांडेय, अनिल सिंह, ब्लॉक प्रमुख गौरीगंज रुमा सिंह, डीडीसी शीलम सिंह व सूबेदार यादव व तिलोई ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि मुन्ना सिंह समेत क्षेत्र के तमाम लोग मौजूद रहे।


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