श्री दुर्गा माता मंदिर बघौना में रामनवमी पर संपन्न हुआ भव्य भंडारे का आयोजन
श्री रामचरितमानस अखण्ड पाठ के पश्चात विगत वर्षों की भांति संपन्न हुआ भंडारा
हर्षोल्लास के साथ भक्त ग्रहण कर रहे महाप्रसाद
बल्दीराय/सुलतानपुर। आर्य प्रयास न्यूज़ नेटवर्क।
नवरात्रि में कन्या पूजन का क्या महत्त्व है? आइए जानें यह क्यों किया जाता है?
नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की अराधना की जाती है। इसके साथ ही नवरात्रि में कन्या पूजन का भी विधान है। मान्यता है कि कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। लोग इस दिन भंडारे आदि खूब धूमधाम से करते हैं।
नवरात्रि संसार को संचालित करने वाली आद्याशक्ति की आराधना का पर्व है। वह सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी हैं। चूंकि नवरात्रि इन्हीं जगत जननी को समर्पित है और भारतीय संस्कृति में कुमारियों को मां का साक्षात स्वरूप माना गया है, इसीलिए कन्या पूजन के बिना नवरात्रि व्रत को पूर्ण नहीं माना जाता। कन्या पूजन नवमी के दिन किया जाता है। हालांकि बहुत लोग कन्या का पूजन अष्टमी को भी करते हैं। कन्या पूजन से मां बहुत प्रसन्न होती हैं और मनोकामनाएं पूरी करती हैं। देवी पुराण में कहा गया है कि मां को जितनी प्रसन्नता कन्या भोज से मिलती है, उनको उतनी प्रसन्नता हवन और दान से भी नहीं मिलती। ज्योतिष में भी कन्या पूजन को बहुत फलदायी माना गया है। अगर बुध ग्रह आपकी कुंडली में बुरा फल दे रहा है, तो आपको कन्या पूजन करना चाहिए। वृष, मिथुन, कन्या, मकर और कुंभ बुध की मित्र राशियां हैं, इसलिए इन राशियों के जातकों को कन्या पूजन का विशेष लाभ मिलता है।
शास्त्रों अनुसार, दो से दस वर्ष की कन्याओं का पूजन करना चाहिए। नौ कन्याओं का पूजन सर्वोत्तम माना गया है। धर्मज्ञों का कहना है कि संख्या के अनुसार कन्या पूजन का फल मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कन्या पूजन में 9 कन्याओं का पूजन किया जाता है। हर कन्या का अलग और विशेष महत्व होता है।
एक कन्या की पूजा करने से ऐश्वर्य, दो कन्याओं से भोग व मोक्ष दोनों, तीन कन्याओं के पूजन से धर्म, अर्थ व काम तथा चार कन्याओं के पूजन से राजपद मिलता है। पांच कन्याओं की पूजा करने से विद्या, छह कन्याओं की पूजा से छह प्रकार की सिद्धियां, सात कन्याओं से सौभाग्य, आठ कन्याओं के पूजन से सुख- संपदा प्राप्त होती है। नौ कन्याओं की पूजा करने करने से संसार में प्रभुत्व बढ़ता है।
इसी कङी में आपको बताते चलें कि जहां पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है वहीं सुल्तानपुर जिले के तहसील बल्दीराय क्षेत्र अंतर्गत बघौना बाजार स्थित श्री दुर्गा माता मंदिर पर विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी भव्य व विसाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसके उपलक्ष्य में 9 अप्रैल को यानी अष्टमी को रामचरित मानस अखण्ड पाठ का शुभारंभ हुआ और 10 अप्रैल रामनवमी के दिन पूर्णाहुति के साथ भंडारे का आयोजन संपन्न हुआ।
इस मौके पर तुलसीराम अग्रहरि, राम अचल यादव, पवन यादव, दुर्गेश यादव, रवी यादव, विकास, सागर, तुलसी राम विश्वकर्मा, राकेश यादव, अनिल यादव, राधेश्याम यादव, गिरधारी प्रजापति, विजय यादव, उदयराज यादव,देश राज यादव, सुशील विश्वकर्मा, राम चंद्र यादव आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
श्री दुर्गा माता जी के विशाल भंडारे के आयोजन के लिए नव बाल दुर्गा पूजा समिति दुर्गेश नगर बधौना को कोटि कोटि नमन लेकिन पत्रकार महोदय ने माता जी के परम भक्त प्रधान पति के नाम का कही उल्लेख नहीं किया जो अति निन्दनीय है.पत्रकार महोदय ऐसे सम्मानित व्यक्ति का नाम न छापकर उनके सम्मान का अपमान किया है.
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