दलित आंदोलन जमीन की तलाश का आंदोलन है;डा0अलख निरंजन


दलित आंदोलन जमीन की तलाश का आंदोलन है;डा0अलख निरंजन

रिपोर्ट:बेचन सिंह

गोरखपुर। आर्य प्रयास न्यूज़ नेटवर्क। अंबेडकर जन मोर्चा के द्वारा गोकुल अतिथि गृह के सभागार में 'दलित समाज जमीन के अधिकार से वंचित क्यों' विषय पर विचार संघोष्ठि का आयोजन किया गया l इस कार्यक्रम में विषय प्रवर्तन करते हुए डॉ सिद्धार्थ ने कहा की खेती योग्य जमीन पर मालिकाना हक प्राप्त किए बिना दलितों पर होने वाले शोषण और उत्पीरन् समाप्त नहीं हो सकता है और ना ही सामाजिक जीवन में पूरी तरह सामाजिक समता स्थापित किया जा सकता है l बाबा साहब अंबेडकर जमीन के मुददे पर बहुत गंभीर थे और उन्होंने कहा था की खेती योग्य भूमि है उसको सरकार अपने अधीन ले कर उस पर सामुदायिक खेती कराई जाए l बाबा साहब का प्रस्ताव जाति के प्रश्न को हल कर देता, और समता, बंधुत्व और भाई चारा के समाज की स्थापना के लिए रास्ता खोल देता इस विषय पर मुख्य वक़्ता के तौर पर बोलते हुए डॉ अलख निरंजन ने कहा की दलित आंदोलन जमीन की तलाश का आंदोलन है l पहले हमने इतिहास की जमीन की तलाशी,  संस्कृति की जमीन तलाशी, अपने धर्म की जमीन तलाशी फिर राजनीतिक की जमीन तलाशी और अब खेती योग्य जमीन की तालाश की आवश्यकता है lआज जो भी विकसित देश हैं l वहाँ जमीन के मुददे को पहले हल किया गया और इससे उनके बहुत से सवाल हल हो गया l कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गो0वि0वि0के इतिहास विभाग के अध्यक्ष श्री चन्द्र भूषण अंकुर जी ने कहा कि जमीन का मुद्दा वंचित समाज के लिए महत्वपूर्ण है क्यों कि इस ी से सामाजिक, राजनीतिक आर्थिक न्याय संभव है । इतिहास में वही दर्ज होता है जो खुद चुने हुए समस्या के हल के लिए लड़े ।कार्यक्रम की अध्यक्षता  करते हुए अंबेडकर जनमोर्च के मुख्य सयोजक श्रवण कुमार निराला ने कहा की इस गोष्ठी के माध्यम को ये तय किया गया है की प्रत्येक दलित को एक एकड़ जमीन सरकार दे इसके लिए एक जनांदोलन की रूपरेखा की शरुवात हुई है l इसे आगे और व्यापक, सुसंगठिक और लोकतंत्रिक तरीके से जनता के बीच ले जाना है l इसी कड़ी में 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर एक व्यापक मार्च प्रदर्शन गोरखपुर से किया जायेगा l ये मार्च प्रदर्शन 5 किलोमीटर की पदयात्रा के रूप में होगा जिसके माध्यम से महामहिम राष्टृपति, प्रधान मंत्री, माननीय राज्यपाल, मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन मंडलयुक्त को दिया जायेगा l उन्होंने कहा की ये जमीन किसी जोर जबरदस्ती से नहीं बल्कि सरकार अपनी जमीनें दे और कम पड़े तो 3 गुने दाम पर खरीद कर दे l दलितो के पास उनकी अपनी जमीन होने से उनके दशा में चुदर्शिक् विकास होगा और देश समता, बंधुत्व और भाईचारा का विकसित देश बन जायेगा।

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