नाट्यरुपांतरण रंगकर्म के लिए वरदान

 


नाट्यरुपांतरण रंगकर्म के लिए वरदान


नाट्य रूपांतरण ने नाट्यलेख की समस्या को किया है दूर

रिपोर्ट: बेचन सिंह


    गोरखपुर । आर्य प्रयास न्यूज़ नेटवर्क। नाट्य लेखन की दिशा में दर्पण गोरखपुर द्वारा उज्जैन निवासी रंगकर्मी एवं साहित्यकार सतीश दवे के निर्देशन में एक 15 दिवसीय नाट्य रूपांतरण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका समापन संस्था के कार्यालय हरिहर निवास पर किया गया । कार्यशाला के समापन भाषण में  सतीश दवे ने बताया नाट्य रूपांतरण किस प्रकार से रंगकर्म के लिए एक वरदान साबित हुआ है । कहानियों से नाट्य रूपांतरण एवं उपन्यास से नाट्य रूपांतरण ने हमारी नाट्य लेख की समस्या को कम किया है । कोई भी ज्वलंत विषय चाहे वह नाटक हो उपन्यास हो या कहानी के रूप में हो, हमें सदैव आकर्षित करती है । ऐसे में हम रंगकर्मी उसके मंचन के मोह से बच नहीं पाते। कार्यशाला प्रतिभागियों में रवीन्द्र रंगधर, मानवेंद्र त्रिपाठी, रीना जायसवाल, नंदा राम चौधरी, आदित्य सिंह, दिव्या शुक्ल, अभिषेक राय, अंकिता, महेश शुक्ल आदि रहे । अध्यक्षीय भाषण में संस्था अध्यक्ष  रविशंकर खरे ने प्रतिभागियों के उज्जवल भविष्य की कामना की एवं  सतीश दवे को उचित मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया ।

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