आतंक का पर्याय हिंसक भेड़िया पिंजड़े में कैद
आतंक का पर्याय हिंसक भेड़िया पिंजड़े में कैद।
रिपोर्ट वेद प्रकाश तिवारी
मिल्कीपुर(अयोध्या)। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क।मिल्कीपुर तहसील के वन रेंज कुमारगंज अन्तर्गत चिरौली गांव में आतंक का पर्याय बने हिंसक भेड़िए को वन विभाग की टीम ने सात दिन बाद पिंजरे में कैद कर लिया।बताते चलें कि हिंसक जानवर द्वारा तीन बकरियों को मार कर निवाला बनाए जाने के बाद समूचे क्षेत्र में दहशत का माहौल था। मौके से मिले पग चिन्ह किसी बड़े हिंसक जानवर द्वारा हमला किए जाने की ओर इशारा कर रहा था।बता दें कि सात दिन पहले चिरौली पूरे सूबेदार गांव निवासी मोहम्मद सिराज के घर के सामने स्थित छप्पर में बंधी एक बकरी को किसी हिंसक जानवर ने दबोच लिया था और उसके गले तथा शरीर पर नाखून और खरोच के निशान मिले थे।किंतु ग्रामीणों ने बकरी के मरने की घटना को नजरअंदाज कर दिया था।इस घटना के बाद पुनः हिंसक जानवर ने दूसरी बार सिराज के तीन बकरियों को दबोच लिया और उन्हें मार डाला था। वन क्षेत्राधिकारी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव के निर्देश पर चिरौली गांव में हिंसक जानवर को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया गया था।वन दरोगा अतुल कुमार, वनरक्षक विष्णु सिंह वाचर अनिल कुमार यादव, दीपू सिंह, दिलीप श्रीवास्तव समेत 7 सदस्यीय टीम एक सप्ताह से गांव में निगरानी कर रही थी।शुक्रवार की रात में पिंजड़े में अनिल कुमार यादव ने मुर्गों को डाल रखा था और 50 मीटर दूरी से पिंजड़े की निगरानी कर रहे थे।रात में सुनसान हो जाने पर भेड़िया आकर पिंजड़े में बंद मुर्गों पर हमला बोल दिया जैसे ही भेड़िया पिंजर में घुसा वाचर अनिल यादव व दीपू सिंह ने तत्काल पिंजरे को लॉक कर दिया, तथा हिंसक जानवर के पकड़े जाने की जानकारी वन रेंज के अधिकारियों को दी। वन क्षेत्राधिकारी पी के श्रीवास्तव ने बताया कि पकड़े गए हिंसक भेड़िए को विभागीय जंगल में छोड़ा जाएगा।
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