प्राकृतिक विधि सेें मसाले की खेती पर हुआ मंथन

 



प्राकृतिक विधि सेें  मसाले की खेती  पर हुआ  मंथन


मसाले की  खेती से  किसानों को तीन से चार गुना होगा  मुनाफा 

रिपोर्ट: वेद प्रकाश तिवारी 

मिल्कीपुर अयोध्या । आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क।


    आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में  अखिल भारतीय समन्वित मसाला अनुसंधान परियोजना की 33वीं वार्षिक कार्यशाला का शुभारंभ शुक्रवार को एग्री बिजनेस मैनेजमेंट के प्रेक्षागृह में हुआ। 

        कार्यशाला को बतौर मुख्यअतिथि संबोधित करते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व उपनिदेशक डा. एन.के. कृष्णा कुमार ने कहा कि मसाले की खेती करने से किसानों को तीन से चार गुना का आर्थिक लाभ हो सकता है। उन्होंने कहा कि मसाला की  खेती भी प्राकृतिक विधि से की जा सकती है। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश, झारखंड व बिहार में मसाले की अच्छी खेती हो रही है। 

        विशिष्ट अतिथि के तौर पर कृषि विश्वविद्यायल के कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने कहा की कृषि विवि की मसाला परियोजना एक रेगुलर केंद्र की तरह 1996 से संचालित है। इस केंद्र द्वारा मसाला की विभिन्न प्रजातियों को विकसित किया जा चुका है। यही नहीं इस केंद्र द्वारा फसल उत्पादन एवं फसल सुरक्षा की अनेक तकनीकियां भी विकसित की गईं हैं। इसी क्रम में प्रो. वी.ए पार्थसारथी, डा. जे. रीमा, डा. ए.बी. रामेश्वरी सहित अन्य वैज्ञानिकों ने भी अपने अनुभवों को साझा किया।  

    कार्यक्रम से पूर्व डा. एन.के. कृष्ण कुमार, कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह, प्रो. वी.ए पार्थसारथी, डा. जे. रीमा, डा. होमी चेरियान, डा. सीके थंकामनि, डा. संजय पाठक, डा .एस.एन सक्सेना, डा. ए.बी. रामेश्वरी व डा. के.एस कृष्णामूर्ति ने आर्चार्य नरेंद्र देव की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। छात्राओं ने कुलगीत व आईसीएआर गीत प्रस्तुत कर सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान भारतीय मसाला अनुसंधान परिषद ने डा. बीपी पांडेय को सम्मानित किया। इस दौरान चार पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।   

    कार्यक्रम के मुख्य आयोजक डा. संजय पाठक व मुख्य अन्वेषक डा. प्रदीप कुमार रहे। धन्यवाद ज्ञापन डा. के.एस कृष्णामूर्ति ने किया।

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