शिव सती प्रसंग सुन भावविभोर हुए श्रोता
शिव सती प्रसंग सुन भावविभोर हुए श्रोता
रिपोर्ट: वेद प्रकाश तिवारी
मिल्कीपुर,अयोध्या। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क।हैरिंग्टनगंज कस्बे में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर प्रांगण में संत बाबा दयाराम दास जी महाराज के सानिध्य में चल रही सप्त दिवसीय संगीतमयी श्रीराम कथा के दूसरे दिन कथावाचक चंद्रदेव महाराज ने राम नाम की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि कलयुग में राम नाम ही प्राणी मात्र को इस संसार रुपी भवसागर से पार उतार सकता है। वहीं पर प्रयागराज की पावन धरा से आयी हुई प्रसिद्ध कथावाचिका सुनीता शास्त्री ने सती चरित्र प्रसंग सुनाते हुए श्रद्धालुओं को बताया कि किस प्रकार बिन बुलाए जाने पर अपमानित होना पड़ता है और विधि के विधान कैसे परिवर्तित हो जाते हैं।
कथा के दौरान कथा वाचिका सुनीता शास्त्री ने सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा।
संत दयाराम दास महाराज ने कहा कि जिस पर भगवत कृपा होती है वही मनुष्य राम नाम संकीर्तन करता है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की कथा सुनकर कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिसके कार्य एवं व्यवहार में रामत्व दिखने लगे तो समझ लेना चाहिए कि उसकी नैया के खेवनहार स्वयं प्रभु श्रीराम हैं। यह श्रीराम कथा क्षेत्रवासियों के सहयोग संचालित हो रही है।
श्रीराम कथा में मुख्य रूप से संतोष पाण्डेय, मुन्नीलाल सेठ, अर्जुन कसौंधन, हरीराम कसौंधन, रामकुमार सर्राफ, कुन्दन लाल सर्राफ, अजीत सिंह, विनोद दूबे, राजकुमार, अशोक तिवारी सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अमृतमयी श्रीराम कथा का श्रवण किया।
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