बेलपत्र से प्रसन्न होते हैं महादेव- पं. बृजेश पाण्डेय ज्योतिषाचार्य रिपोर्ट:बेचन सिंह

 *प्रकाशनार्थ 16 फरवरी 2023*


**महाशिवरात्रि पर्व कल 18 फरवरी को मनाया जाएगा*



बेलपत्र से प्रसन्न होते हैं महादेव- पं. बृजेश पाण्डेय ज्योतिषाचार्य

रिपोर्ट:बेचन सिंह 

गोरखपुर। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क। युवा जनकल्याण समिति के संरक्षक संस्थापक तथा विद्वत जनकल्याण समिति गोरखपुर के महामंत्री ज्योतिषाचार्य पं. बृजेश पाण्डेय ने महाशिवरात्रि पर्व एवं व्रत कि महत्ता के बारे मे बताते हुए कहा की शिव की आराधना के लिए महाशिवरात्रि पर्व एवं व्रत का महत्व जनमानस में अत्यधिक है. महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है,इस बार महाशिवरात्रि का पावन पर्व कल दिनांक 18 फरवरी दिन शनिवार को पड़ रहा है। ज्योतिषाचार्य पं. बृजेश पाण्डेय ने यह भी कहा कि पौपाणिक कथाओं के अनुसार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को ही भगवान शिव जी और माता पार्वती जी का विवाह हुआ था इसी कारण महाशिवरात्रि को बहुत ही पवित्र पर्व माना जाता है.इस दिन भगवान शिव जी को मनाने और उनकी कृपा पाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।भगवान शिव केवल एक लोटा जल और बिल्वपत्र अर्पित करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं,इसलिए उन्हें भोलेनाथ और आशुतोष भी कहा जाता है। 

महाशिवरात्रि पर जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से व्रत और पूजन करते हैं,शिव जी उनके जीवन के सभी कष्टों को हर लेते हैं और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं.भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए महाशिवरात्रि के दिन कई उपाय किए जाते हैं जिसमे शिव जी को तीन पत्तों वाला 108 बेलपत्र चढ़ाया जाता है.महाशिवरात्रि व्रत को कर रहे हैं तो दिन में कई बार ओम नमः शिवाय का जाप करें.शिवरात्रि पूजा रात में की जाती है इसलिए भक्तों को शिव पूजा करने से पहले शाम को दोबारा स्नान करना चाहिए. भोले जी को भांग अतिप्रिय है इसलिए इस दिन भांग को दूध में मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं,धतुरा और गन्ने का रस शिव जी को अर्पित करें इससे जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है,जल में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग पर अर्पण करने से मन की अशांति दूर होती है. महाशिवरात्रि को भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान करा कराएं.अंत मे केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं.सम्पूर्ण रात्रि तक दीपक जलाएं.चंदन का तिलक लगाएं, बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल,कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं अन्त में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें तथा ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्र का जाप करें.इस दिन शिव पुराण का पाठ व महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण करने से भक्तों कि सभी मनोकामनायें पूर्ण होती है.

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