अक्षय तृतीय पर जलदान घटदान का है विशेष महत्व-पं बृजेश पाण्डेय


परशुराम  जन्मोत्सव 22 व अक्षय तृतीया 23 अप्रैल को मनेगा


अक्षय तृतीय पर जलदान घटदान का है विशेष महत्व-पं बृजेश पाण्डेय

रिपोर्ट: बेचन सिंह 

गोरखपुर। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क। भारतीय विद्वत महासंघ के महामंत्री व युवा जनकल्याण समिति के संस्थापक संरक्षक पं बृजेश पाण्डेय ज्योतिषाचार्य ने बताया कि भगवान परशुराम जी का जन्मोत्सव प्रदोष काल के तृतीया तिथि में हुआ था, इस बार 22 अप्रैल शनिवार को दिन में 8 बजकर 4 मिनट पर तृतीया तिथि लग रही है और अगले दिन 23 अप्रैल दिन रविवार को दिन में 8 बजकर 8 मिनट तक ही है.

इसलिए पहले दिन 22 को ही परशुराम जी का जन्मोत्सव हर्षोल्लास पूर्ण मनाया जाएगा.

अक्षय तृतीया सूर्योदय ब्यापिनी किया जाता है इसलिए 23 अप्रैल को प्रात: काल से पुरा दिन दान पुण्य किया जाएगा. पं बृजेश पाण्डेय ज्योतिषाचार्य ने यह भी बताया कि अक्षय तृतीया को दान पूण्य करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है, इस अक्षय तृतीया पर्व को गंगा आदि नदियों में स्नान कर जो भी दान्य पुण्य किया जाय उसका पुरा फल मिलता है. इस तिथि को प्रात: काल में स्वर्ण,सप्तधान्य,वस्त्र अन्न आदि का दान करना श्रेयष्कर होता है तथा जलदान घटदान का भी विशेष महत्व है. अक्षय तृतीया के दिन शाम के समय तुलसी जी के सामने दीपक जलाकर आरती अवश्य करें, इससे आपकी सभी आर्थिक समस्या दूर हो जाएगी.

अक्षय तृतीया के दिन अपने भीतर के दुर्गुणों को भगवान के चरणों में अर्पित करके अपने सद्गुणों को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए.

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