यह संसार दु:खालय है, सुख की कामना व्यर्थ है- गजानंद शास्त्री
यह संसार दु:खालय है, सुख की कामना व्यर्थ है- गजानंद शास्त्री
रिपोर्ट: राहुल मिश्र
सुलतानपुर। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क। बल्दीराय उमरा गांव में श्रीमद भागवत कथा के पंचम दिवस पर श्री धाम अयोध्या से पधारे स्वामी गजानंद शास्त्री जी महाराज ने कहा कि इस संसार में सब सुख सबके जीवन में नही मिलता, कुछ न कुछ दुःख सबके जीवन में रहता है,
क्योंकि,, कोई तन दुःखी, कोई मन दुखी, कोई धन बिनु रहत उदास।
थोड़ा थोड़ा सब दुखी, सुखी राम के दास।।
श्री कृष्ण ने गीता में कहा है
'' दुखालयम शास्वतम,, अर्थात संसार दुखालय है दुखों का घर है।
अगर सुख कहीं है तो केवल भगवान के श्री चरणों में है। वस्तुतः सुख और दुःख कुछ होता नहीं है, सुख दुःख प्राणी मात्र की अनुभूति है परम सुख तो भगवान की भक्ति से मिलता है।
पूज्य महराज जी ने कृष्ण जन्म उत्सव, पूतना वध, नामकरण अघासुर बकासुर तृणावर्त, कालिया नाग की कथा सुनाकर व गोवर्धन पूजा में 56 भोग पूजन कराया।
इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।
मुख्य यजमान श्री प्रताप बहादुर सिंह, दिग्विजय सिंह ,दिलीप सिंह,दीपक सिंह,स्वतंत्र सिंह, उमेश सिंह, सीताराम मिश्र, हिमाशू तिवारी, अमित श्रीवास्तव, संतोष पाण्डेय, जगदीश दूबे, शशि भूषण, आदि उपस्थित थे।
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