विश्व संगीत दिवस पर नलिनी सिन्हा हुई सम्मानित
विश्व संगीत दिवस पर नलिनी सिन्हा हुई सम्मानित
रिपोर्ट: बेचन सिंह
गोरखपुर । आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क। कुंती देवी व राजपति देवी (केआर) सेवा मंडल व सरगम संगीत विद्यालय के तत्वावधान में विश्व संगीत दिवस के अवसर पर बुधवार को शास्त्रीय संगीत की वरिष्ठ कलाकार नलिनी सिन्हा को सम्मानित किया। इस मौके पर संस्था की ओर से उन्हें अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह, श्रीफल आदि भेंट किया गया ।
बसंतपुर स्थित एक सभागार में सम्मान कार्यक्रम की शुरुआत कुंती देवी व राजपति देवी (केआर) सेवा मंडल की संरक्षक विनीता गुप्ता ने नलिनी को तिलक लगा कर माल्यार्पण किया। तत्पश्चात संगीत विद्यालय के निदेशक कन्हैया श्रीवास्तव ने अंगवस्त्र प्रदान किया। इसी क्रम में दोनों पदाधिकारियों ने मां सरस्वती के रूप में स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया ।
इस मौके पर असिस्टेंट प्रोफेसर विनीता गुप्ता ने कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है नलिनी सिन्हा नवोदित कलाकारों को शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दीक्षा दे रही हैं। संगीत का हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण हिस्सा। संगीत ना केवल कानों में रस घोलने का काम करता है, बल्कि इससे हमारे मन को शांति, सुकून एवं खुशी मिलती है। इन्हीं में से कोई कलाकार आने वाले समय में शास्त्रीय संगीत के पटल पर इस गोरखपुर का नाम रोशन करेगा।
कन्हैया श्रीवास्तव ने कहा कि विश्व संगीत दिवस को मनाने का उद्देश्य अलग अलग तरीके से लोगों को संगीत के प्रति जागरूक करने के साथ ही उन्हें जोड़ना है। संस्था के सचिव प्रेमनाथ ने इस अवसर पर गोरखपुर क्षेत्र में निवास करने वाले समस्त संगीत कलाकारों को शुभकामना दी और कहा कि संगीत दो दिलों तथा सरहदों को जोड़ने का कार्य करता है।
इस अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुए नलनी सिन्हा उन्होंने कहा की भारतीय संगीत का जनक भगवान शिव को माना गया है। ऐसी मान्यता है की ॐ से ही भगवान शंकर उत्त्पति हुई है शिव से पहले इस संसार में कोई नही था और ना ही किसी को संगीत की जानकारी थी। इसके पूर्व शास्त्रीय गायन सीख रहे कलाकारों ने राग यमन में गुरु वंदना प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर नूपुर श्रीवास्तव, भोलानाथ वर्मा, अंकुर, सार्थक राज चौधरी, प्राची गुप्ता, वाग्मीश्री, विश्वास सुभग वर्मा, संतोष पांडेय, मोहामिद कमाल, देव निगम, वंदना गुप्ता, प्रभात ओझा , नर्वदेश्वर, मीना कुमारी,चौधरी शर्मिष्ठा पटेल, श्रुति सुभाग वर्मा आदि मौजूद रहे।
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