मधुमेह रोगियों के लिए मोटे अनाज ही औषधि : प्रोफेसर साधना ।
मधुमेह रोगियों के लिए मोटे अनाज ही औषधि : प्रोफेसर साधना ।
मिल्कीपुर, अयोध्या। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क
रिपोर्ट:- वेद प्रकाश तिवारी
मधुमेह जिसे आम भाषा में शुगर की बीमारी कहा जाता है यह पूरे विश्व में धीरे-धीरे महामारी का रूप लेती जा रही है यूके में यूनिवर्सिटी आफ रीडिंग इंस्टिट्यूट ऑफ़ फ़ूड न्यूट्रिशन और हेल्थ (आईएफएनएच) तथा इंटरनेशनल डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार दुनिया के सभी क्षेत्रों में मधुमेह बढ़ रहा है। भारत, चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका में मधुमेह से पीड़ित लोगों की संख्या सबसे अधिक है एक शोध के अनुसार 2045 तक दक्षिण पूर्व एशिया में मधुमेह से पीड़ित रोगियों की संख्या 74% हो जाएगी।
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या की फूड एवं न्यूट्रिशन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर साधना सिंह तथा संयुक्त सौ सैय्या चिकित्सालय पिथला के फिजिशियन डॉक्टर अरविंद मौर्य इस बीमारी का मुख्य कारण जीवन शैली में हुए बदलाव को मानते हैं ।प्रोफेसर साधना के अनुसार रासायनिक उर्वरक तथा बहुतायत में प्रयुक्त होने वाले भोज्य पदार्थ ही इसके मुख्य कारक हैं ।आपका कहना है कि यदि हम अपने दैनिक जीवन में चावल एवं गेहूं के आटे की जगह मोटे अनाजों का प्रयोग करना शुरू करते हैं तो न केवल हम अपनी भावी पीढ़ी को मधुमेह से बचा सकते हैं बल्कि जो लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं वह भी स्वस्थ हो सकते हैं।
डॉ साधना सिंह का कहना है कि किसी भी भोजन की गुणवत्ता उसके जी आई इंडेक्स पर निर्भर करती है मोटे अनाज जैसे जौ ,सांवा ,कोदो ,रागी ,कंगनी , काकुन आदि का जी आई इंडेक्स 10 से कम होता है। अपने कम जी आई इंडेक्स के कारण यह रक्त में ग्लूकोज के स्तर को कम करने में सहायक होते हैं जबकि चावल गेहूं आदि अनाजों का जी आई इंडेक्स 395 वा 63 होता है जो काफी अधिक होता है जिसके कारण यह रक्त में ग्लूकोज के स्तर को बढ़ा देते हैं जो मधुमेह का मुख्य कारण होता है।
प्रोफेसर साधना सिंह वैश्विक स्तर पर मोटे अनाजों को लेकर जो शोध हुए हैं उनके बारे में बताया की जर्नल ऑफ फूड एंड न्यूट्रीशनल डिसऑर्डर में अगस्त 2019 में प्रकाशित शोध में निष्कर्ष निकाला गया कि बाजरा जैसे मोटे अनाज स्वस्थ व्यक्तियों के साथ-साथ टाइप 2 मधुमेह के लिए उपवास और भोजन के बाद रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है विभिन्न देश के शोध पर आधारित फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि जिन मधुमेह रोगियों ने अपने दैनिक आहार के हिस्से के रूप में बाजरा या अन्य मोटे अनाज खाया उनके रक्त शर्करा के स्तर में 12 से 15% की कमी देखी गई । प्रीडायबीटिक रक्त शर्करा स्तर (130 _150) में हीमोग्लोबिन से बना हुआ रक्त ग्लूकोज का स्तर औसतन 17% तक कम हो गया और वह व्यक्ति प्री डायबिटिक से सामान्य स्थिति में आ गया ।ये निष्कर्ष पुष्टि करते हैं कि बाजरा जैसे मोटे अनाज खाने मधुमेह से छुटकारा पाया जा सकता है।
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