मानव मात्र की सेवा करना सबसे पुनीत कार्य: आर डी पाठक


 मानव मात्र की सेवा करना सबसे पुनीत कार्य: आर डी पाठक


मकर संक्रांति के अवसर पर सैकड़ो दिव्यांग जनों व गरीबों को कराया भोजन,बांटा कम्बल!



सुल्तानपुर । आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क 


रिपोर्ट:- राहुल मिश्र 



 गरीबों सहयोग की सेवा करना सबसे पुनीत कार्य है मानव मात्र की सेवा करने से जो सुखद अनुभूति होती है उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है यह बातें वरिष्ठ समाजसेवी व पूर्व डीएफओ रामदुलार पाठक ने अपने सम्बोधन में कही।श्री पाठक मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर अपने पैतृक आवास पर प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी क्षेत्र के सैकड़ों असहाय व गरीबों को आमंत्रित किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ नागरिकों के अलावा बड़ी संख्या में दिव्यांगजन की सहभागिता रही। श्री पाठक ने न सिर्फ अपने हाथों से परोसकर भोजन कराया बल्कि सभी को  यथोचित दक्षिणा व कम्बल वस्त्रादि का वितरण किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि मानव मात्र की सेवा करना सबसे पुनीत कार्य है। कहा कि सेवा करने से उन्हें बड़ी आत्मसंतुष्टि मिलती है।लोगों का आह्वान किया कि सभी को अपनी सामर्थ्य के अनुसार समाज सेवा करनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि श्री पाठक इस तरह के अनेकों सामाजिक कार्यक्रम यथासमय करते रहते हैं। आज के कार्यक्रम में ब्रजभूषण मिश्रा, राज बहादुर मिश्र, वेद प्रकाश मिश्र,राम कृष्ण पांडेय,राम शिरोमणि यादव, भीम दूबे, मनीष दूबे पंकज मिश्रा समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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