जैव उर्वरक से पैदावार में 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी संभव- कुलपति
जैव उर्वरक से पैदावार में 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी संभव- कुलपति
सतत कृषि उत्पादकता में जैव उर्वरकों का उपयोग" विषय पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
मिल्कीपुर अयोध्या। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क
रिपोर्ट:- वेद प्रकाश तिवारी
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में "सतत कृषि उत्पादकता में जैव उर्वरकों का उपयोग" विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कृषि महाविद्यालय के प्रेक्षागृह में किया गया। कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि जैव उर्वरकों का प्रयोग करने से जड़ों एवं तनों का अधिक विकास होता है जिससे पौधे में तेज हवा, अधिक वर्षा एवं सूखे की स्थिति की सहने की क्षमता बढ़ जाती है। कुलपति ने कहा कि जैव उर्वरकों के जीवाणु एन्टीबायोटिक पदार्थों का भी निर्माण करती है, जिससे पौधों की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है तथा फसल का बीमारियों से बचाव होता है। जैव उर्वरकों के प्रयोग से फसलों की लगभग 10 से 20 प्रतिशत तक पैदावार में भी बढ़ोतरी हो जाती है।
कृषि महाविद्यालय की अधिष्ठाता डा. प्रतिभा सिंह ने कहा कि जैव उर्वरकों के प्रयोग से अंकुरण शीघ्र और स्वस्थ होते हैं तथा जड़ों का विकास अधिक एवं शीघ्र होता है। जैव उर्वरकों के प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति में तेजी के साथ बढ़ोतरी होती है। डा. प्रतिभा ने कहा कि जैव उर्वरकों के प्रयोग से कोई भी दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है बल्कि ये भौतिक एवं जैविक गुणों में सुधार कर उर्वरा शक्ति को बढ़ाते हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के नोडल अधिकारी डा. सुबोध सचान ने बताया कि रसायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग के कारण मिट्टी का जीवाश्म कार्बन कम होता जा रहा है। इसके प्रयोग से उत्पादन क्षमता में वृद्धि नहीं हो पाती है। कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से भी जुड़कर वैज्ञानिकों ने किसानों को शोध के नवीन तरीकों एवं जैव उर्वरक के उपयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मृदा विज्ञान विभाग के डॉ सुरेश कुमार ,डॉ नीरज कुमार , डॉ सुशील, डॉ रोबिन सिंह, डॉ आनंद सिंह ने भी किसानों को संबोधित किया।
कार्यक्रम का आयोजन डा. आलोक पांडेय के संयोजन में हुआ। संचालन डॉ महेंद्र सिंह ने किया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठाता, निदेशक, वैज्ञानिक, शिक्षक एवं किसान मौजूद रहे।
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