बैंक शाखा प्रबंधक की दबंगई से सेवानिवृत शिक्षक परेशान

 


बैंक शाखा प्रबंधक की दबंगई से सेवानिवृत शिक्षक परेशान


शाखा प्रबंधक ने सेवा निवृत शिक्षक के बैंक खाते के संचालन पर लगा दी है रोक


खाते में आई पेंशन का भुगतान न हो पाने से शिक्षक का परिवार भुखमरी के कगार पर ।

रिपोर्ट: वेद प्रकाश तिवारी 

मिल्कीपुर अयोध्या। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क

बडौदा यू पी बैंक शाखा पलिया लोहानी के शाखा प्रबंधक की दबंगई के चलते सेवानिवृत शिक्षक का परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। बैंक स्थित अपने खाते में प्राप्त पेंशन का भुगतान किए जाने के लिए 70 वर्षीय सेवानिवृत शिक्षक तहसील से लेकर बैंक के उच्च अधिकारियों की चौखट पर एड़ियां रगड़ रहा है, किंतु बैंक के उच्चाधिकारी से लेकर प्रशासनिक अधिकारी तक बैंक के शाखा प्रबंधक की हठधर्मिता के आगे बौने साबित हो रहे हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 70 वर्षीय दल बहादुर सिंह सेवानिवृत शिक्षक है और उनका 40 वर्ष पुराना बैंक खाता बडौदा यूपी बैंक शाखा पलिया लोहानी हैरिंग्टनगंज में स्थित है। सेवानिवृत शिक्षक की पेंशन इसी बैंक खाते के माध्यम से प्राप्त होती है। शिक्षक दल बहादुर सिंह का कहना है कि उन्होंने रनापुर निवासी विधवा महिला शिव कुमारी पत्नी स्वर्गीय जगजीवन द्वारा अपने खाते की नाव बीघा भूमि पर किसान क्रेडिट कार्ड बनवेट समय बैंक में खाता खुलवाया था, जिस पर उन्होंने शिवकुमारी की पहचान कर दी थी। उक्त महिला खातेदार का बैंक की ओर से दो लाख 49 हजार रुपए का किसान क्रेडिट कार्ड बनाया गया था। जिसमें से कृषक महिला द्वारा एक लाख 47 हजार रुपए आहरित कर लिया गया था। उक्त खाता अब एनपीए हो गया है, जो ब्याज सहित 3 लाख से ऊपर पहुंच चुका है। इस बीच बैंक के शाखा प्रबंधक अंकित श्रीवास्तव ने बीते नवंबर 2023 में शिक्षक दल बहादुर सिंह के बैंक खाते पर रोक लगा दी। नवंबर महीने से अब तक शिक्षक दल बहादुर सिंह को अपनी पेंशन के एवज में बैंक खाते से फूटी कौड़ी भी नहीं प्राप्त हो सकी। इसके बाद उन्होंने बैंक के उच्च अधिकारियों सहित संपूर्ण समाधान दिवस एवं एसडीम मिल्कीपुर से भी शिकायत कर कार्यवाही की गुहार की। सेवानिवृत शिक्षक का कहना है कि मेरे द्वारा शाखा प्रबंधक से कई बार अनुरोध किया गया कि खातेदार महिला के पास बैंक का ऋण अदा किए जाने हेतु पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। जिसकी नकल खतौनी ऋण पत्रावली में संलग्न भी है, उसकी नीलामी प्रक्रिया शुरू कराई जाए। किंतु प्रबंधक की दबंगई के आगे एक भी नहीं चल पा रही है। जिसका परिणाम है की सेवानिवृत्त शिक्षक वृद्धावस्था में अपनी बीमारी का इलाज भी नहीं करा पा रहा है और तो और शिक्षक का परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। बैंक शाखा प्रबंधक अंकित श्रीवास्तव का कहना है कि बैंक की ओर से विधिक प्रक्रिया के तहत कार्यवाही की गई है, मेरे द्वारा कोई जानबूझकर ऐसा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि तहसील स्तर से भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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