बौद्धिक संपदा की सुरक्षा से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था- कुलपति
बौद्धिक संपदा की सुरक्षा से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था- कुलपति
"वानिकी एवं कृषि विज्ञान में बौद्धिक संपदा अधिकार की संभावनाएं एवं भूमिका" विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार
रिपोर्ट: वेद प्रकाश तिवारी
मिल्कीपुर अयोध्या। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क। बौद्धिक संपदा अधिकार भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में गति प्रदान करता है। ये रचनाकारों, अन्वेषकों एवं उद्यमियों के विचारों को आत्मविश्वास के साथ सशक्त बनाते हैं। बौद्धिक संपदा की सुरक्षा के लिए अपने तंत्र को अनुकूलित और मजबूत करना चाहिए। एक मजबूत आईपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार) पारिस्थितिकी तंत्र निर्माताओं के नवाचार को विधिक संरक्षण प्रदान करता है। इससे रोजगार सृजन, निर्यात में वृद्धि एवं समग्र आर्थिक उन्नति होती है। बौद्धिक संपदा संरक्षण के अंतर्राष्ट्रीय मानकों का अनुपालन एक देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है। यह बातें कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने बुधवार को आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि के पशुपालन महाविद्यालय प्रेक्षागृह में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के दौरान बतौर मुख्यअतिथि कही। वे "वानिकी एवं कृषि विज्ञान में बौद्धिक संपदा अधिकार की संभावनाएं एवं भूमिका' विषय पर छात्र- छात्राओं को संबोधित कर रहे थे।
राम मनोहर लोहिया विधि विवि लखनऊ से पहुंची अतिथि वक्ता डा. शकुंतला संगम ने कहा कि छात्र-छात्राओं में आईपीआर के विषय में जानकारी होना वर्तमान में वैज्ञानिक जगत के लिए बहुत जरूरी है। बौद्धिक संपदा अधिकार विभिन्न प्रकार की सुरक्षाएं उपलब्ध करता है, जिनमें किस्मों, फसल के नाम, जीन, प्रजनन प्रक्रियाओं, पेटेंट और अन्य कानूनी पदनाम के रूप में संरक्षण सहित कई अन्य अविष्कार भी शामिल है। इस दौरान उन्होंने आईपीआर की शोध आईडिया, क्रिएशन, इन्वेंशन एवं वानिकी जगत में इसकी आवश्यकता को भी बताया। इस दौरान अतिथि वक्ता आई.आई.वी.आर वाराणसी से पहुंचे शैलेश कुमार तिवारी एवं सिद्धार्थ शुक्ला ने भी इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी।
इस मौके पर एक साहित्य का विमोचन किया गया। इससे पहले सभी अतिथियों ने सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सभी अतिथियों को पुष्पगुच्छ एवं शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया। वानिकी अधिष्ठाता डा. संजय पाठक के संयोजन में कार्यक्रम आयोजित हुआ। सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन डा. देवेंद्र एवं कार्यक्रम का संचालन डा. सीताराम मिश्रा ने किया। इस मौके पर विवि के समस्त अधिष्ठाता, निदेशक, शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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