हमारा आंगन हमारे बच्चे कार्यक्रम की निभाई गई औपचारिकता

 


हमारा आंगन हमारे बच्चे कार्यक्रम की निभाई गई औपचारिकता


शासन से प्राप्त धन के सापेक्ष नौनिहालों में नहीं वितरित की जा सकी किट

रिपोर्ट: वेद प्रकाश तिवारी 

मिल्कीपुर, अयोध्या। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क।मिल्कीपुर शिक्षा क्षेत्र स्थित कंपोजिट विद्यालय किनौली में हमारा आंगन, हमारे बच्चे, कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को किया गया। कार्यक्रम महाजन रस्म अदायगी तक सीमित रहा। शिक्षा क्षेत्र स्थित 10 न्याय पंचायतों के विभिन्न विद्यालयों के 50 निपुण बच्चों को बैग, पेंसिल, रबर, कटर और एक कापी देकर सम्मानित किया गया।

खंड शिक्षा अधिकारी मिल्कीपुर अजय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि बच्चों को मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक पढ़ाई के प्रति जागरूक करने के लिए हमारा आंगन-हमारे बच्चे कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत परिषदीय स्कूलों में बेसिक शिक्षा विभाग और बाल विकास विभाग की ओर से नौनिहालों को शिक्षा ग्रहण कराई जाएगी।

न्याय पंचायत के सभी विद्यालय से दो बच्चे बाल वाटिका के तथा दो बच्चे कक्षा 1 से 3 तक कुल एक विद्यालय पांच बच्चों को सम्मानित किया जाना था। शिक्षा क्षेत्र के दस न्याय पंचायत से 50 बच्चे बाल वाटिका निपुण कार्यक्रम में शामिल हुए। शासन की ओर से निपुण बच्चों को करीब 250 रूपए कीमत की टी एल एम किट वितरित किया जाना था। जिसमें बैग, पेंसिल, कटर, रबड़, जमेट्री, कहानियों की पुस्तकें तथा कापी दी जानी थी, लेकिन कार्यक्रम के दौरान बच्चों को बैग, एक रबर, एक पेंसिल, कटर तथा एक कॉपी दी गई है। सूत्रों की माने तो 12 हजार 500 रुपए टीएमएल किट के नाम पर खर्चे तो कर दिया गए लेकिन बच्चों को किट के माध्यम से जो सामान मिलने थे, वह पूरे नहीं मिल सके।खंड शिक्षा अधिकारी अजय त्रिपाठी से जब पूछा गया कि बच्चों को जो किट वितरण किया गया है सारे सामान इसमें क्यों नहीं है, तो उन्होंने कहा कि 

अचानक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिससे सारी किताबें उपलब्ध नहीं हो सकी, फिलहाल जल्द ही किताबें बंटवा दी जाएगी। सूत्रों की माने तो कार्यक्रम में 50 छात्र, 50 अभिभावक, 50 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों कुल 150 लोगों को शामिल होना था। जिनके नाश्ते के लिए 100 रूपए प्रति व्यक्ति कुल 15 हजार रुपए विभाग ने मुहैया कराया था। लेकिन कार्यक्रम में तो 50 बच्चे, लगभग 30 से 35 आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं कुछ अभिभावक ही शामिल हुए थे। नाश्ते के नाम पर करीब 25 से 30 रुपए ही प्रति व्यक्ति खर्च किए गए। इस प्रकार से शासन की अति महत्वाकांक्षी योजना पर भी जिम्मेदार अधिकारियों ने अपनी मनमानी का चाबुक चला दिया है।

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