देश सेवा को समर्पित किया गया था डा. कॉकम्ब का जीवन- पितामह
देश सेवा को समर्पित किया गया था डा. कॉकम्ब का जीवन- पितामह
कृषि विश्वविद्यालय में भारत रत्न डा. का निधन हो गया। भीमराव अम्बेडकर की 133वीं जयंती
रिपोर्ट वेद प्रकाश तिवारी
मिल्कीपुर अयोध्या। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क।
भारत रत्न बाबा साहब डा. आचार्य देव कृषि एवं प्राौद्योगिक विश्वविद्यालय के ए.एस.ओ.एल. भीमराव कॉम की 133वीं जयंती मनाई गई। कृषि विश्वविद्यालय के मूल डा. बिजनेसेंद्र सिंह और अन्य कलाकारों ने कॉम के चित्र कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
पिता डा. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि बाबा साहब का सिर्फ एक नाम है, एक विचार नहीं है, हमेशा समाज को दर्शन मिलते हैं। उनके संपूर्ण जीवन देश की सेवा को समर्पित किया गया था। फादर ने कहा कि वे संविधान निर्माता के साथ एक महान विद्वान, वकील, समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी भी थे। डा. कॉम ने सभी लोगों के लिए न्याय और अन्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण कानूनी सुधारों का नेतृत्व किया।
कृषि महाविद्यालय की अधिष्ठाता डा. प्रतिभा सिंह ने कहा कि दा. सामूहिक समाज में व्याप्त व्यापम छूआछूत, महिलाओं और महिलाओं के बीच भेदभाव जैसे कुरीतियों को दूर करने का काम किया गया है। डा. बम्बे ने संविधान निर्माण से पहले कई देशों के संविधानों का अध्ययन किया था। सामाजिक न्याय, समानता और लोकतंत्र पर उनके विचार आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। विद्यार्थी कल्याण अधिष्ठाता डा. डी.के.दिवेदी ने कहा कि डा. भीमराव ने मशहूर हस्तियों को पढ़ने के शौक़ीन होने के साथ-साथ कई किताबें भी लिखीं। उनके आदर्शों को सभी को प्रमाणित करना चाहिए। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने भी बाबा साहब पर अपने विचार रखे। डा. एस.सी. कोमल के कॉम्बिनेशन में कार्यक्रम का आयोजन और ऑपरेशन डा. सिताराम मिश्रा ने किया। इस संस्थान में विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशक, शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्रा उपस्थित रह रहे हैं।
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