ग्रामीण महिलाओं से टेक्सटाइल की बारीकी सीख रहे शोध...
अयोध्या: आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क।
ग्रामीण महिलाओं से टेक्सटाइल की बारीकी सीख रहे शोध और इंजीनियरिंग के छात्र जनपद के सुदूरवर्ती विकास खंड अमानीगंज के मोहली में संचालित केला रेशा विषयक प्रशिक्षण केंद्र में शोध अध्ययन के लिए देश और प्रदेश के नामी गिरामी संस्थानों के छात्र पधार रहे है । विदित हो कि ओंकार सेवा संस्थान के द्वारा नाबार्ड के सहयोग से मोहली के श्रीमती सियाराजी एन सी टी ओ पी टी इंटर कॉलेज में केला रेशा विषयक नवोन्मेषी प्रशिक्षण कराया जा रहा है उपरोक्त कार्यक्रम की लोकप्रियता और सार्थकता का यह आलम है कि यहां पर आज चंद्र शेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय की शोध छात्र रिम्पी पांडे पधारी उन्होंने महिलाओं को मोटे धागे से लूम पर कपड़ा और चटाई की बुनाई करना सिखाया और खुद भी गांव की अल्प शिक्षित महिलाओं से हैंडीक्राफ्ट की बारीकियां सीखी । विगत दिनों कानपुर स्थित उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग के दो छात्र भी रेशा संबंधी अध्ययन के लिए केंद्र पर आए थे । कार्यक्रम समन्वयक सूर्य कुमार त्रिपाठी ने बताया कि नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक कमलेश यादव के दिशा निर्देश में यहां पर केला से रेशा निकालने की मशीन ,केला फाड़ने की मशीन , फ्रेम लूम ,सिलाई मशीन ,पेट लूम तथ रेशा की रंगाई और प्रसंस्करण के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध है जिसके चलते टेक्सटाइल इंजीनियरिंग और टेक्सटाइल में शोध कर रहे छात्रों के लिए यह केंद्र आकर्षण का केंद्र बना हुआ है । आने वाले तीन से चार महीने और भी आवश्यक संसाधन केंद्र पर उपलध कराएं जायेंगे तथा कलकत्ता स्थित प्राकृतिक रेशा प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान के द्वारा दस दिन का अतिरिक्त प्रशिक्षण महिलाओं को प्रदान किया जायेगा जिसके अंतर्गत इन्हे केला के तने से दोना पत्तल, ट्रे,मूर्ति ,सजावटी सामान बनाना सिखाया जाएगा फिलहाल केले पर जिस काम के लिए दक्षिण भारत को जानते थे आज वह सारा काम गोमती के तट पर स्थित संत भीखादास की तप स्थली पर भी हो रहा है आने वाले समय में अयोध्या पूरे देश में केला के उत्पादों के लिए भी जाना जायेगा । आरती शुक्ला ,ज्योति मौर्य ,संगीता मौर्य ,प्रेम लता ,शिवानी शुक्ला सहित सभी महिलाएं अपने आपको भाग्यशाली मानती हैं कि उन्हें यह अनोखा प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है ।
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