क्यों ? बुलवाते हैं पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 3 में तहसीलदार सदर
क्यों ? बुलवाते हैं पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 3 में तहसीलदार सदर
सुल्तानपुर। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क।
जनपद सुलतानपुर की तहसील सदर लंबे समय से एक जाति विशेष को आरक्षित कर दी गई है । जहां पर पैसे के बल पर गलत निर्णय होते रहे हैं। यहां तक की तलाब, खाद गड्ढा,खलिहान,के कब्जे दारों के मामलों में कई साल बाद निर्णय आया और कब्जा बेदखली के साथ जुर्माना लगाया गया , परंतु दोषी कब्जेदार से मोटी रकम लेकर फाइल ही गायब होते रही हैं। इसके संबंध में ग्राम वासियों के शिकायत पर फिर से मुकदमा गतिमान किया जाते रहा है। ग्राम सभा महाजिदपुर परगना मीरानपुर तहसील सदर के एक मामले मे केश कुमारी बनाम ग्राम सभा में तो निर्णय आया कि₹100000 जुर्माना के साथ बेदखली की कार्य वाही की गई कब्जेदार के द्वारा तहसीलदार सदर सुल्तानपुर को मोटी रकम देकर के दोबारा से मुकदमा गतिमान करवाया गया। और दोबारा 4 माह बाद ही उक्त मुकदमे में दूसरा निर्णय देकर दूसरे ग्राम सभा कि कीमती जमीन का कब्जेदार ग्राम दादूपुर निवासिनी केश कुमारी पैसे के बदौलत कीमती जमीन की मालिक घोषित हो जाती है । यही नहीं और देखो गयामती बनाम ग्राम सभा नाम के मुकदमा जो तालाब कब जाने का था उक्त मुकदमे में एक लाख रुपए जुर्माने के साथ बेदखली की कार्रवाई होती है। कब्जेदारिन तहसीलदार सदर को मोटी रकम देकर मुकदमे में निर्णय हो जाने के बाद फाइल को ही गायब करवाने में कामयाब हो जाती है । उक्त मुकदमा 1 ग्राम वासी की शिकायत पर कायम किया गया था इस शिकायतकर्ता के द्वारा फिर से जिलाधिकारी महोदय सुल्तानपुर को शिकायत करने पर इस तालाब की जमीन पर फिर से मुकदमा कर दिया जाता है । उन्ही तहसीलदार महोदय सदर सुल्तानपुर के द्वारा चार पेशी के बाद इस मुकदमे में जुर्माने की राशि घटा करके पच्चीस हजार रुपये और बेदखली की कार्रवाई की जाती है। यही नहीं ऐसे तमाम मामले आपको देखने को मिलेंगे वर्षों से गतिमान रहे कई मुकदमे निर्णय होने के बाद भी ना कोई जुर्माने की राशि वसूली गई ना बेदखली की कोई कार्रवाई ही की गई
तहसीलदार सदर अरविंद तिवारी तो अलग ही कीर्तिमान स्थापित किया अपने ऑफिस में बैठा कर वादी और प्रतिवादी दोनों से एक साथ मोलभाव करवा रहे थे की जो ज्यादा मोटी रकम देगा मामला उसी के पक्ष में कर दिया जाएगा वादी प्रतिवादी दोनों उन्हीं के ऑफिस में बाल पकड़ कर आपस में पटकी पटका तक कर लिए, पेस कार राजेंद्र प्रसाद ने बीच बचाव किया उप जिलाधिकारी सहित पुरा तहसील कर्मी इकट्ठा हो गए थे। डीएम ने तत्काल अरविंद तिवारी तहसीलदार सदर को हटाकर उन्हें बल्दीराय तहसील का तहसीलदार बना दिया अब उनकी जगह पर हृदय राम तिवारी जी तहसीलदार सदर की कुर्सी पर विराजमान कर दिए गए। उनके द्वारा भी अरविंद तिवारी के ही छोड़े गये कार्य को ही आगे बढ़ाया। कई मुकदमों में आदेश की कार्यवाही को साक्ष्य की कार्रवाई में बदल दिया गया। हृदय राम तिवारी एसडीएम प्रमोट होकर जनपद खलीलाबाद चले जाने के बाद कुदरत का करिश्मा देखिए की, उन्हीं के मौसी के पुत्र श्री देवानंद तिवारी तहसीलदार सदर सुल्तानपुर बनाए गए वे पहुंचते ही तहसीलदारी में चार चांद लगाना शुरू कर दिया।अपने कोर्ट के सभी वादी प्रतिवादी को पी डब्लू डी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 3 में शाम 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक बुलवाकर अपने अदालती मामलो को समझने लग गए है। जो पूरे जनपद में चर्चा का विषय बना हुआ है । छोटे-छोटे मामलों में भी वादकारी, आवेदकों को डाक बंगले के रूम नंबर 3 बुलवाया जा रहा है जनपद सुल्तानपुर के जनप्रतिनिधि सहित डीएम भी बेखबर है।(सूत्र)
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