सेहत, स्वाद एवं आमदनी के स्रोत हैं मसालेः डा. कुमार



सेहत, स्वाद एवं आमदनी के स्रोत हैं मसालेः डा. कुमार


सामान्य  खेती के  अपेक्षा मसाले की खेती किसानों के लिए हुई वरदान 

रिपोर्ट: वेद प्रकाश तिवारी 

मिल्कीपुर अयोध्या । आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क।

    आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज  अयोध्या में अखिल भारतीय समन्वित मसाला अनुसंधान परियोजना के तत्वाधान में चल रहे तीन दिवसीय कार्यशाला का विधिवत समापन शनिवार को सम्पन्न  हुआ


      समापन अवसर पर बोलते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के पूर्व निदेशक डा. के.एन कृष्णा कुमार ने कहा कि मसाले सेहत, स्वाद व आमदनी के प्रमुख श्रोत होते हैं। सामान्य खेती की अपेक्षा मसालों की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। मसाले अनेक औषधीय़ गुणों से परिपूर्ण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। इसके अतिरिक्त भोजन का स्वाद बढ़ाने में मसालों का विशेष योगदान होता है। मसाले की सुगंध भोजन के प्रति भूख बढ़ा देती है। 

    कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व निदेशक भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान कोजीकोड केरल के डा. बी.ए. पारसार्थी ने उच्च कृषि तकनीकि को अपनाते हुए मसाले की वैज्ञानिक खेती के प्रति अपना दृष्टीकोण प्रस्तुत करते हुए बताया कि यदि मसाले की खेती उच्च मानक परिस्थितियों में की जाए इससे किसानों को चतुर्दिक लाभ होगा। 

     समापन की पूर्व संध्या पर विवि के छात्रों द्वारा कई प्रकार के जिसमें बंगाली, पंजाबी व सोलो लोकनृत्य व भोजपुरी गीत प्रस्तुत किए गए जिसका दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अन्वेषक डा. प्रदीप कुमार ने व मुख्य आयोजक डा. संजय पाठक ने सभी आगंतुक वैज्ञानिकों, कृषि विश्वविद्यायल के सभी अधिष्ठाता, निदेशक एवं आयोजन समिति की कमेटी एवं उनके सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

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