रामायण कॉन्क्लेव शृंखलान्तर्गत नाटक "सीता हरण" का हुआ मंचन
रामायण कॉन्क्लेव शृंखलान्तर्गत नाटक "सीता हरण" का हुआ मंचन
रिपोर्ट:बेचन सिंह
गोरखपुर। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क। रामायण कांक्लेव श्रृंखला अंतर्गत सोमवार को तीसरे दिन नाटक सीता हरण का नाट्य मंचन रैंपस सभागार में किया गया । सांस्कृतिक संगम सलेमपुर की प्रस्तुति "सीता हरण" रामायण का वह प्रसंग है जहां श्री राम पंचवटी में सीता जी और भाई लक्ष्मण के साथ वनवास के दिन काट रहे हैं। वही एक दिन रावण की बहन शूर्पणखा आती है और राम से अपने प्रणय का निवेदन करती है। राम एक पत्नी व्रत का प्रण बताकर उसके प्रणय निवेदन को ठुकरा देते हैं। क्रोधित शूर्पणखा लक्ष्मण के पास जाती है। लक्ष्मण के कठोर वचनों को सुन अत्यधिक क्रोधित हो जाती है। क्रोध में उन्मुक्त हो सीता पर आक्रमण करती है, तभी राम के कहने पर लक्ष्मण सूर्पनखा की नाक काट देते हैं। तत्पश्चात शूर्पणखा अपने भाई खर दूषण के साथ राम पर आक्रमण करती है। जहां राम लक्ष्मण के हाथों खर-दूषण मारे जाते हैं। खर-दूषण के मारे जाने की सूचना शूर्पणखा रावण को देती है। रावण सीता के हरण की बात कहता है। विभीषण रावण को समझाने की कोशिश करते हैं, रावण विभीषण को भला बुरा कहते हैं और सेनापति के कहने पर रावण सीता हरण की योजना बनाता है और इस योजना के निमित्त अपने मामा मारीच के पास जाता है। मारीच भी रावण को सीता हरण न करने की सलाह देता है। रावण मारीच को बुलाकर स्वर्ण मृग बनने पर मजबूर कर देता है। मारीच स्वर्ण मृग बनकर पंचवटी जाता है। उस मृग को देख सीता राम को मृग पकड़ने के लिए कहती है। राम मृग पकड़ने चले जाते हैं। छली मारीच राम की आवाज में सीता और लक्ष्मण को पुकारता है। लक्ष्मण को सीता के कहने पर राम की रक्षा के लिए जाना पड़ता है। और रावण आकर सीता का हरण कर ले जाता है।
नाटक में राम की भूमिका में प्रभात मिश्र, सीता धानी गुप्ता, लक्ष्मण देवेन्द्र कुशवाहा,रावण पारितोष श्रीवास्तव,शूर्पणखा आकांक्षा,मारीच व साधु रावण राधेश्याम गुप्ता, मेघनाथ मनीष श्रीवास्तव,विभीषण देवेश मिश्रा,खर नवनीत जयसवाल,दूषण सन्नी सिंह सेनापति विजय सिंह,राक्षस अमृत आनन्द , बंटी स्वर्ण मृग सुमित श्रीवास्तव ने बेहतरीन अभिनय किया ।
मंच परे रूप सज्जा - राधेश्याम मंच सज्जा - पंकज कुमार वस्त्र विन्यास - आकांशा,धानी गुप्ता रंग दीपन - रवि आवस्थि पार्श्व संगीत - दुर्गेश कुमार स्वर - रामदरश शर्मा प्रस्तुतकर्ता - वाई शंकर मूर्ती निर्देशन - मानवेन्द्र त्रिपाठी
कल का मंचन नाटक -तुलसी के राम, संस्था-सोशल इन्क्लूजन
कार्यक्रम संयोजक -श्री नारायण पाण्डेय ।
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