योग प्राचीन पद्धति है जिसका अभ्यास ऋषि मुनि भी अपने आपको स्वस्थ रखने के लिए करते थे:बृजेश मणि मिश्रा

 


योग प्राचीन पद्धति है जिसका अभ्यास ऋषि मुनि भी अपने आपको स्वस्थ रखने के लिए करते थे:बृजेश मणि मिश्रा


योग भारत के अलावां दुनिया के दूसरे देशों में भी अधिक संख्या में किया जा रहा हैं:कृष्ण कुमार


योग दिवस पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के 20 विजेता प्रतिभागियों को विभाग की ओर से पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया  


       गोरखपुर 21.6.2024। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क। केन्द्रीय संचार ब्यूरो सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार क्षेत्रीय कार्यालय, गोरखपुर द्वारा आज दिनांक 21 जून 2024 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग के प्रति जागरूकता लाने के लिए प्रातः 8.00 बजे से पं. राम प्रसाद त्रिपाठी किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय, आभूराम, तुर्कवलिया विकास खंड जंगल कौड़ियां जनपद गोरखपुर में विशेष जनसंपर्क कार्यक्रम का आयोजन किया गया । सर्वप्रथम कार्यक्रम प्रांगण में योग जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया उपस्थित जनसमूह महिलाएं संस्था के छात्र-छात्राएं एवं क्षेत्र के विशिष्ट नागरिक की सहभागिता रही । योग शिविर में योग के महत्व के संबंध में जानकारी देते हुए योगासन की शुरुआत कोहनी संचालन से की गई इसके बाद ग्रीवा संचालन स्कंध संचालन आदि व्यायाम करवायें गये इसके उपरांत लोगों ने खड़े होकर वृक्षासन, ताड़ासन  त्रिकोणासन एवं लेट अधपादासन , पवनमुक्तासन तथा बैठकर मंडुकासन, अनुलोम-विलोम, कपालभाति योगासन कराया गया। योगासन के अन्त में ॐ के उच्चारण के बाद (योग शिविर) का समापन हुआ कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता,  समूह चर्चा, गोष्ठी के  माध्यम से योग के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी गई कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बृजेश मणि मिश्रा आचार्य श्रीगुरु गोरखनाथ संस्कृत विद्या पीठ, गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर ने बताया की योग साधना व्यायाम का ऐसा प्रभावशाली प्रकार है, जिसके माध्याम से न केवल मानव शरीर के अंगों बल्कि मन और मस्तिष्क में आसानी से संतुलन बनाया जाता है। यह एक ऐसी प्राचीन पद्धति है जिसका अभ्यास ऋषि मुनि भी अपने आपको स्वस्थ रखने के लिए करते है.

 संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि  कृष्ण कुमार समाजसेवी  ने  बताया कि वर्तमान समय में योग न केवल भारत में अधिक संख्या में किया जाने वाला व्यायाम है बल्कि इसे दुनिया के दूसरे देशों में भी अधिक संख्या में किया जा रहा हैं। आज योग पूरी दुनिया में इतना प्रसिद्ध हो गया है कि यह लोगों के बीच सद्भाव और कल्याण लाने में भी सबसे सहायक माना जाता हैं।

 राजेश कुमार शर्मा, कार्यक्रम   प्रभारी ,  केन्द्रीय संचार ब्यूरो, गोरखपुर ने बताया की योग केवल शरीर की कुछ मुद्राओं या आसन तक सीमित नहीं है। बल्कि यह हमें स्वस्थ और संतुलित जीवन जीना सिखाता है। यह हमें अपनी सांसें, विचारों और भावनाओं को नियंत्रित करना सिखाता है। इससे हम सभी परिस्थितियों में शांत रहना और अपना ध्यान केंद्रित करना सीखते हैं। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए आकाशवाणी केंद्र गोरखपुर के उद्घघोषक मृत्युंजय उपाध्याय नवल ने योग के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला और योग से संबंधित प्रश्न किए ।

प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के 20 विजेता प्रतिभागियों को विभाग की ओर से पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया  ।  महाविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक डॉ. केशव शुक्ल ने सभी आगतों का स्वागत किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर राम सांवले मिश्रा ने कहा कि आज पूरी दुनिया योग की तरफ आगे बढ़ रही है क्योंकि स्वस्थ रहने का सबसे सस्ता और महत्वपूर्ण विद्या योग ही है ।कार्यक्रम में रामराज मौर्य एंड पार्टी द्वारा लोकगीत के माध्यम से लोगों को योग के महत्व पर जानकारी दी गई।उपस्थित छात्र- छात्राओं एवं अन्य गणमान्य नागरिकों, महिलाओं को योग संबंधित पोस्टर, स्टीकर, पंपलेट वितरित किया गया।

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