टेरी के राज्य सलाहकार ने प्रशिक्षण का लिया जायजा
टेरी के राज्य सलाहकार ने प्रशिक्षण का लिया जायजा
महिलाओं को प्राकृतिक रंगाई के दिए टिप्स
रिपोर्ट: वेद प्रकाश तिवारी
मिल्कीपुर अयोध्या। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क।
नाबार्ड द्वारा प्रायोजित आजीविका एव उद्यम विकास कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे प्रशिक्षण में केला रेशा को प्राकृतिक रंग देने के उद्देश्य से पलाश के फूलों से ही केला रेशा की रंगाई की जा रही है। टेरी( टाटा रिसर्च इंस्टीट्यूट ) के राज्य सलाहकार डॉ लोकेंद्र सिंह ने रविवार को प्रशिक्षण में शामिल महिलाओं को पलाश, गुलाब और गेंदा के फूलों से अर्क निकालकर रेशा और चोटी की रंगाई की बिधि बताई। बताते चलें कि अमानीगंज विकासखंड में ओंकार सेवा संस्थान द्वारा 90 महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
प्रशिक्षण में अलग अलग विषय पर तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। रविवार के प्रशिक्षण में टेरी के सलाहकार ने महिलाओं को रेशा की रंगाई और उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के संबंध में आवश्यक जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम समन्वयक सूर्य कुमार त्रिपाठी ने बताया कि प्राकृतिक रंग त्वचा के लिए बहुत लाभदायक होते है, जबकि रसायनिक रंग से रंगे हुए वस्त्र विभिन्न प्रकार की त्वचा संबंधी बीमारी उत्पन्न करते है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्राकृतिक रेशे और जिन्हे प्राकृतिक तरीके से रंगा गया है, उनकी मांग बहुत है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अयोध्या के अतिरिक्त अमेठी, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर के केला उत्पादक किसान रेशा निर्मित उत्पादों को देखने भी आ रहे है। कार्यक्रम में संगीता मौर्य, कंचन, मिथिलेश, विद्यावती, रश्मि, केवला सहित प्रथम बैच की सभी तीस महिलाएं उपस्थित रहीं।
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