व्यक्ति का चरित्र मानव धर्म की सबसे बड़ी पूंजी - पंकज जी महाराज
व्यक्ति का चरित्र मानव धर्म की सबसे बड़ी पूंजी - पंकज जी महाराज
रिपोर्ट वेद प्रकाश तिवारी
मिल्कीपुर अयोध्या। आर्य प्रयास न्यूज नेटवर्क।
जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के मुख्यालय, मथुरा से निकली 27 दिवसीय शाकाहार-सदाचार, मद्यनिषेध आध्यात्मिक वैचारिक जनजागरण यात्रा गोरखपुर जनपद के प्रत्येक ब्लाक में दो-दो स्थानो पर आपसी सौहार्द, परस्पर प्रेम, चरित्रोत्थान, आत्म कल्याण तथा अच्छे समाज के निर्माण का सन्देश 40 स्थानों पर सुनाने के बाद सन्त कबीर नगर, बस्ती, अयोध्या, बीकापुर, खजुरहट होते हुये जब मिल्कीपुर ब्लाक के अन्तर्गत पलिया लोहानी अपने 24वें पड़ाव पर पहुंची तो स्थानीय लोगों ने ढोल-नगाड़े, फूल-मालाओं के साथ पूरे काफिले का स्वागत किया। सत्संग समारोह को संबोधित करते हुए महाराज जी ने कहा कि मिली नर देह यह तुमको, बनाओ काज कुछ अपना। पचो मत आय यहि जग में जानियो रैन का सुपना। मनुष्य शरीर की प्राप्ति परमात्मा का सबसे बड़ा वरदान है। इसे पाकर गृहस्थ आश्रम में रहकर किसी प्रभु प्राप्ति करने वाले सन्त महात्मा से सुरत शब्द (नाम-योग) की साधना का मार्ग लेकर अपनी आत्मा का कल्याण करा लें। यदि जीवन रहते यह काम न किया तो आपकी जीवात्मा नर्को-दोजखों में चली जायेगी। जहाँ बहुत यातनायें सहनी पड़ेगी। उन्होंने शाकाहार पर जोर देते हुये कहा कि यह शरीर हरि मन्दिर है। मनुष्य होने के कारण हमें यह विचार करना चाहिये कि जिस प्रकार हम लोग ईंट, पत्थर का मन्दिर बनाते हैं तो उसमें मांस, मछली, अण्डा, शराब जैसे अखाद्य पदार्थों को नहीं डालते हैं। उसको साफ सुथरा रखते हैं। उसी प्रकार इस प्रभु के बनाये हुये तन रूपी मन्दिर में, जिसमें उस ईश्वर की चेतन, जीवात्मा, रूह बैठी हुई है इसे साफ रखें। उन्होंने चरित्र को मानव धर्म की सबसे बड़ी पूंजी बताया और शाकाहार अपनाने और शराब जैसे नशीलें पदार्थों को त्यागने की अपील किया। आपस में सब लोग मिल जुलकर रहें, इससे समाज अच्छा चलेगा।
महाराज जी ने कहा पहले के समय में माता-पिता अपने बच्चों का पालन पोषण करते थे अब कैसी बिडम्बना हो गई कि लड़के अलग होकर कहते हैं पिता जी दस दिन हमारे पास रहिये इसके बाद दूसरे के यहां चले जाइये। यही नहीं उपेक्षित माता-पिता वृद्धाश्रम में जीवन बिताते हैं। इस पर लोगों को ध्यान देना चाहिये। संस्थाध्यक्ष ने आगामी 1 से 5 जुलाई तक जयगुरुदेव आश्रम, मथुरा में होने वाले गुरुपूर्णिमा पर्व पर पधारने के लिये सभी वर्ग के लोगों को आमन्त्रण भी दिया। उन्होंने बताया कि आगरा-दिल्ली बाईपास, रोड, मथुरा में बरदानी जयगुरुदेव मन्दिर है। यहाँ एक बुराई चढ़ाने पर एक मनोकामना की पूर्ति होती है। इसी प्रकार जयगुरुदेव जन्मभूमि खितौरा जिला-इटावा (उ.प्र.) में भव्य मन्दिर बना है, जहाँ सभी जाति धर्म के लोग आते हैं।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष अयोध्या संगत के रामतेज निषाद, दिनेश यादव, जगदीश यादव, बाबूलाल यादव, भोला प्रधान, राम कृपाल मिश्र साथ ही संस्था के महामन्त्री बाबूराम यादव, मथुरा आश्रम के प्रबन्धक व प्रा.अध्यक्ष सन्तराम चौधरी, बिहार प्रदेश के अध्यक्ष मृत्युन्जय झा, म.प्र. के महासचिव बी.बी. दोहरे, उपदेशक डा. कुँवर बृजेश सिंह, अखिलेश यादव आदि उपस्थित रहे। सत्संग के बाद धर्म यात्रा अपने अगले पड़ाव उतेद खेड़ा ब्लाक सरोजनी नगर लखनऊ के लिये प्रस्थान कर गई।
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